Old Pension Scheme: OPS और 8वें वेतन को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का बड़ा फैसला

करोड़ कर्मचारी उम्मीद थे कि वित्तीय बजट में पुरानी पेंशन योजना पर चर्चा होगी, लेकिन चिंता यह है कि इस विषय पर कोई भी बजट में उल्लेख नहीं किया गया। राज्य मंत्री ने भी इसे विचाराधीन बताया है।

इस मुद्दे पर कोई विचार नहीं किया गया है

उनके इस स्टेटमेंट के आधार पर राज्य मंत्री ने सरकार की पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू नहीं करने की दावा किया है, जिसे AIUTC के राष्ट्रीय सचिव और एआईडीईएफ के महासचिव श्री कुमार भी समर्थन देते हैं। केंद्रीय बजट में इस मुद्दे पर कोई विचार नहीं किया गया है और सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को यह एक निराशा है।

सरकारी कर्मचारियों का मौलिक अधिकार है

सर्वोच्च न्यायालय ने बताया है कि पुरानी पेंशन योजना कोई इनाम या अनुग्रह नहीं है, बल्कि यह सभी सरकारी कर्मचारियों का मौलिक अधिकार है, लेकिन सरकार ने इस फैसले का सम्मान नहीं किया है। हमें उम्मीद है कि सरकार एक आदर्श नियुक्ति बनाने की कोशिश करेगी।

सरकारी कर्मचारी संगठनों का कहना है कि

बजट के पेशकश के बाद, सरकारी कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार विदेश में उत्पादित धन को अनदेखा करती है, जो जीएसटी द्वारा कर लिया जाता है। यह सरकारी कर्मचारी का मुख्य आय स्रोत है जिसके साथ कर्मचारी अपनी आवश्यकताओं के लिए बाजार से सामान खरीदते हैं।

और इनके जीएसटी भी चुकाते हैं इससे यह कर्मचारी सच्चे कर दाता बन जाते हैं। तथापि, वित्त मंत्री ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा दिए गए प्रस्ताव को नजरअंदाज कर दिया है। कोई भी तरह का कोई भी तर्क हमारे सामने नहीं आया है।

50% पेंशन पर ही सुधार करने का विचार किया है

जो लोग पुरानी पेंशन योजना के सुधार की मांग कर रहे हैं, उन्हें यह जानना आवश्यक है कि किसी संगठन द्वारा नेशनल पेंशन स्कीम में कोई दावा नहीं किया गया है। कर्मचारी सिर्फ अपनी पुरानी पेंशन योजना को पुनर्स्थापित करने की मांग कर रहे हैं, और नेशनल पेंशन स्कीम में कोई भी सुधार करने की इच्छा नहीं है।

हालांकि, अब सरकार ने नेशनल पेंशन स्कीम में 50% पेंशन पर ही सुधार करने का विचार किया है, पुरानी पेंशन योजना के बारे में सरकार द्वारा कौन सा निर्णय लिया जा सकता है, यह अभी तक नहीं पता, इसकी जानकारी मिलते ही हम आपको बता देंगे।

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